ग्राम पंचायत नहरपाली के पूर्व सरपंच रुकमणी राठिया द्वारा 14वें व 15वें वित्त की राशि व विभिन्न फंडो का दुरुपयोग व इस्तीहार को सार्वजनिक किये बिना ही अपने पद और पहुंच का इसतेमाल करते हुये अपने पति को ही ग्राम पटेल पद पर नियुक्त कराया ..
पूर्व सरपंच के कार्यकाल गुजर जाने के बाद पूर्व सरपंच द्वारा किये गये कारनामे सामने आ रहे हैं,व कुछ लोगों मे चर्चा का विषय भी बना हुआ है व कुछ लोगों द्वारा हाईकोर्ट बिलासपुर मे याचिका भी दायर की जा रही है याचिका इस लिये दायर किया जा रहा ताकि न्यायलय को राजनितिक दबाव नही डाला जा सकता व अपने पहुंच की धौस नही दी सकती । जिस प्रकार वन्य जीव मारने ,व दारु मे पकड़ाने के बाद राजनितिक पहुच व पैसों के बल पर छुट कर या दोषमुक्त करा कर वापस आ जाया जाता है वैसे ही हाईकोर्ट से क्लिन होने की संभावना बहुत कम है नही के बराबर और कुछ ठोष सबुंतों के साथ किया जा रहा है।
आईये सबसे पहले जाते हैं 14वे एवं 15 वें वित्त के राशि का दुरुपयोग व पंचायत के विभिन्न फंडो का ग्राम पंचायत के उपयोग के लिये कम व फर्जी बिल लगाकर अपने फायदे के लिये पैसों का दुरुपयोग किया गया कुल मिलाकर पैसों बंदरबांट नही बल्की खुद पाकिट मे डाला गया वही मनरेगा के कार्यों मे भी सरपंच द्वारा दबाव डालकर अपने ही लोगों के नाम हाजरी डलवाया गया व बहुत से ऐसे भूमिसमतलीकरण कार्य हैं जिसे विरेंद्रकुमार डनसेना के साथ मिल कर फर्जी तरिका से उड़ा दिया गया जो काम करने जाते हैं उनको पैसा नही मिला व और जो नही जाते है उनको घर बैठे पैसे मिला । मटेरियल वर्क के राशियों को भी विरेंद्र के साथ फर्जी बिल लगाकर पैसे आहरण कर लिया गया है।व इमानदारी पुर्वक कार्य करने वाले जी आर एस को विरेंद्रकुमार डनसेना व सरपंच द्वारा प्रताडित कर पद से पृथक करा दिया गया ।
ग्राम पंचायत मे जीपीडीपी,शासकीय भवनो की रख रखाव ,नाली सफाई ,घासफुस सफाई,स्वच्छ भारत मिशन,नलजल योजना पाइपलाईन रखरखाव त्योहारों उत्सवों पर मिलनेवाली राशि,गली लाइटिंग मरम्मत रख रखाव , बोरवेल्स की मरम्मत,बोरिंग मरम्मत,तलाब घाट सफाई रखरखाव,व और भी महत्वपूर्ण फंड है जहा समय पर नियमित पैसे आते हैं उन सभी पैसों को फर्जी प्रस्ताव फर्जी बिल लगा कर राशि आहरण किया गया है और कार्य कुछ भी नही किया गया है और तो और कुछ ऐसे बिर भी है जिस नाम से कोई दुकान भी नही है ,ऐसे बिल जिस नाम से कोई दुकान ही नही या फिर खुद के परिवार के सदस्यों रिस्तेदारों के नाम बिल बन गया है और तो और टीन नंबर बिल खरिद भी लिया गया ये सभी बाते सामने आई है और सबुतो के साथ हाईकोर्ट मे याचिका भी दायर की जा रही है ।
ऐसे ही जब कोई भी पद खाली होता है तो इस्तीहार जारी किया जाता है प्रोसेस बढ़ने पर प्रस्ताव मांगा जाता फिर दावा आपत्ति मंगाई जाती इसका प्रेस मिडिया और कोटवार के सुचना कराई जाती है लेकिन नहरपाली में ऐसा कुछ नही हुआ ,सरपंच द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुये ,इस्तिहार किसी को नही बताया गया व दावाआपत्ति भी किसी को नही बताया गया व कुछ लोगों द्वारा आगे आने पर उनहे धमकी दे दी गयी ,इस तरह अपने पद और पहुंच का दुरुपयोग करते हुये अपने ही पति को ग्राम पटेल का पद दिलाया गया । इसी तरह पूर्व सरपंच के और भी कयी कारने हैं जो जांच के बाद उजागर होने वाले हैं वर्तमान सरपंच तो सचिव के चमचायी मे ही लगे रहते हैं अपने से कुछ विवेक नही लगाते है जिसकी फायदा सचिव द्वारा उठाया जाता है।